हे गजानन
हे विघ्नहर्ता, शिव पार्वती नंदन श्री गणेश हे दुःखहर्ता,देवों में प्रथम पूज्य हे श्री गणेश आगमन होता है आपका भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चहुंओर छाया रहता है हर्षोल्लास और उत्सव नव दिन सजते है पंडाल और घर फूलों, दीपक ,रंगोली से करते हैं अर्पण पकवान और मोदक जो प्रिय है आपको सबसे हे भाग्य विधाता ,हे रिद्धि-सिद्धि दाता हे सिद्धि विनायक, हे सर्व सुखदाता यूही बनाए रखना सदा कृपा अपना हम पर चलना है हमको सच्चाई और आदर्श के मार्ग पर हे गणपति बप्पा मेरे,हे प्रभु गणेश मेरे तेरे चरणो में नमन है, हे गणनायक मेरे!