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नव वर्ष २०२५

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आओ चलो चले चलते है पुराने ख्यालों से आगे निकलते है खट्टी मिट्ठी ढेर सारी यादों को समेटे  कभी न भूलने वाली लम्हों को लपेटे  देखते देखते ये साल यूंही बीत गया कुछ ख्वाब पूरे हुए कुछ अधूरा रह गया नए साल में अपने सपनों को पूरा करने  चलो चलते है अपने सपनों में हकीकत  का रंग भरने ।

उड़ान

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हमने यह ठाना है मंजिल को पाना है माना डगर है ये मुश्किल  माना हालत है ये जटिल रख हौसला तू ए मेरे दोस्त न हो निराश तू ए मेरे दोस्त करता रह यूंही बस तू दिल से प्रयास  आंखों में लेकर सपनों को पाने की आस न तुझे रुकना है ए मेरे दोस्त न तुझे थमना है ए मेरे दोस्त  वह दिन भी जरूर आयेगा  जब तू मंजिल को पाएगा  जो लोग हंसते थे तेरे नाकामियों पे वो ही सुनाएंगे किस्से कहानियां तेरी कामयाबियों की

नया अध्याय

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निकले है इक नई मंजिल की तरफ लिखने को चले है एक नया अध्याय  ये माना चुनौतियां है बहुत राहों में लेकिन हमने भी कहां मानी है हार  कभी किसी ने सच ही कहा है यारों   संघर्ष के बाद ही सफलता का आनंद है

देवशिल्पकार

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हे विश्वकर्मा हे शिल्पकला के ज्ञाता कहलाते हो तुम त्रिलोक के निर्माता  तुम ही हो सम्पूर्ण जगत के पहले अभियंता  तुम ही हो अद्भुत संरचनाओं के सृजनकर्ता  हे देवअभियंता हे  स्रजनकारी  बनाए रखना इस धारा पर दृष्टि कल्याणकारी  हे पंच मुखधारी हे विश्वकर्मा  शत शत नमन है आपको हे विश्वकर्मा।

हे लम्बोदर

  हे गजानन हे लम्बोदर  करते है हम आप से प्रार्थना हाथ जोड़कर  बनाए रखना कृपा हम पर हे गजानन  ये भक्त करता है सदा आप का वंदन सौभाग्य था हमारा जो आप थे पधारे हमारे घर  खुशियां ही खुशियां छाई थी घर में चहु ओर  मिला था अवसर नौ दिन सेवा का हम सब को मोदक और ढेरो पकवान  खिलाकर आप को   अनजाने में कोई त्रुटि हुई हमसे हो पूजन पर  करबद्ध क्षमा प्रार्थना है हमारी आप से हे विघ्नेश्वर  आज आप के जाने से हो गया है घर सूना सूना  है ये प्रार्थना हमारी अगले वर्ष  पुनः है आप को लौटाना  ।

मेरे कान्हा

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हे कृष्णा, हे मुरलीवाले तुम ही हो जग में सबसे निराले  मईया यशोदा के हो तुम कान्हा हम सब के हो तुम नंदलाला कभीं बन जाते हो तुम माखनचोर कभी कहलाते हो गोपियों के चितचोर  ग्वाल बाल सबके हो दुलारे  राधा रानी के तुम मोहन प्यारे  तुम्हारी लीला है कान्हा अद्भुत न्यारी बनाए रखना कृपा सदा हम पर गिरधारी।

सफर सात वर्षों का

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खूबसूरत सफर ये सात वर्षों का लगता है साथ था ये कई वर्षों का  अपने साथ बहुत सारी यादों को समेटे  कुछ खट्टी मीठी अफसानों को लपेटे  आज यह खूबसूरत पल दास्तां में बदल जायेगा जिसका हर इक पन्ना यादगार बन कर रह जाएगा  आ गया यह सफर अब अपने अंतिम मुकाम पर  लेना है विदा अब अपनों से इस भावुक शाम पर कुछ पलों के बाद ये सफर याद बन कर रह जायेगा आने वाले समय में इतिहास बन कर रह जायेगा अब तो हम सोशल मीडिया मित्र बन कर रह जायेगे  एक दूसरे को टैग करके याद आयेंगे।