नव वर्ष २०२५

आओ चलो चले चलते है
पुराने ख्यालों से आगे निकलते है
खट्टी मिट्ठी ढेर सारी यादों को समेटे 
कभी न भूलने वाली लम्हों को लपेटे 

देखते देखते ये साल यूंही बीत गया
कुछ ख्वाब पूरे हुए कुछ अधूरा रह गया
नए साल में अपने सपनों को पूरा करने 
चलो चलते है अपने सपनों में हकीकत  का रंग भरने ।

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