बगुलाभगत
चले थे तुमको समझाने को हम
पत्थरों पे पानी से लकीरे बनाने को हम
अपने चेहरे को मुखौटे से छिपा रखा है तुमने
दुनिया के सामने अपने को देवता बना रखा है तुमने
तुमको शायद ये मालूम नहीं है
झूठ की बहुत लंबी उम्र नहीं है
जब चेहरे से तुम्हारे मुखौटा हटेगा
तब तुम्हारे पे यही दुनिया हसेगा
करेगें याद तुमको लोग कहकर बगुलाभगत
बहुत याद आयेंगे तुमको तुम्हारे कारनामों के चित्रपट
Comments