ये जिंदगी हैं इंद्रधनुषी सपनों का भ्रम जाल ये जिंदगी है अंतहीन सपनों का भ्रम जाल हो जाते है गुम सतरंगी सपनों की दुनिया में दौड़ते रहते है हमेशा मृगमरीचिका के पीछे में लगता है यही तो है अपने सपनो की मंजिल होता है एहसास पहुंच कर दूर अभी है मंजिल सुनाई देता है पंछियों के चहचहाने का शोर खुलती है आँखें तो पसरा होता है सन्नाटा चहुओर जी लो दोस्तों इस जिंदगी को अपनो के संग ऐसा न हो रहे हमेशा उनको खोने का ग़म यही तो फलसफा है हमारे जिंदगी का ज़िंदगी तो है मुठ्ठी से फिसलते रेत सरीखा।
होली का रंग , दोस्तों के संग , चलो करते है हुड़दंग, गुझिया और भंग के संग, राधकृष्ण का अद्भुत प्रेम प्रसंग, अद्वितीय है ये रंगों का संगम, भींगो देता है ये सबको रंगों में रंगारंग , आओ मनाए रंगों का उत्सव हम सब संग ।
हमने यह ठाना है मंजिल को पाना है माना डगर है ये मुश्किल माना हालत है ये जटिल रख हौसला तू ए मेरे दोस्त न हो निराश तू ए मेरे दोस्त करता रह यूंही बस तू दिल से प्रयास आंखों में लेकर सपनों को पाने की आस न तुझे रुकना है ए मेरे दोस्त न तुझे थमना है ए मेरे दोस्त वह दिन भी जरूर आयेगा जब तू मंजिल को पाएगा जो लोग हंसते थे तेरे नाकामियों पे वो ही सुनाएंगे किस्से कहानियां तेरी कामयाबियों की
Comments
Peeping into the glorious moments of the past.