ये जिंदगी हैं इंद्रधनुषी सपनों का भ्रम जाल ये जिंदगी है अंतहीन सपनों का भ्रम जाल हो जाते है गुम सतरंगी सपनों की दुनिया में दौड़ते रहते है हमेशा मृगमरीचिका के पीछे में लगता है यही तो है अपने सपनो की मंजिल होता है एहसास पहुंच कर दूर अभी है मंजिल सुनाई देता है पंछियों के चहचहाने का शोर खुलती है आँखें तो पसरा होता है सन्नाटा चहुओर जी लो दोस्तों इस जिंदगी को अपनो के संग ऐसा न हो रहे हमेशा उनको खोने का ग़म यही तो फलसफा है हमारे जिंदगी का ज़िंदगी तो है मुठ्ठी से फिसलते रेत सरीखा।
होली का रंग , दोस्तों के संग , चलो करते है हुड़दंग, गुझिया और भंग के संग, राधकृष्ण का अद्भुत प्रेम प्रसंग, अद्वितीय है ये रंगों का संगम, भींगो देता है ये सबको रंगों में रंगारंग , आओ मनाए रंगों का उत्सव हम सब संग ।
निकले हैं हम आध्यात्म की यात्रा पर आज खोजने है अपने आप को हम आज कुछ सवालों का जवाब जानने को है मन उत्सुक क्या है इस जीवन का है उद्देश्य मन जानने को इच्छुक भागते रहते सपनों की मृगमरीचिका के पीछे हम सब कुछ पाने की चाहत में भूल जाते हैं अपने आप को हम छूट जाता सब कुछ इस अंतहीन इच्छाओं की अभिलाषा में रह जाता है खालीपन मंजिल पर पहुंच कर जीवन में चले हैं आज जीवन यात्रा पर खोजने हम अपने आप को चले है आज जीवन यात्रा पर खोजने हम अपने आप को
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Peeping into the glorious moments of the past.