शिव कृपा
हे देवाधिदेव, हे महादेव
आप ही हो इस जग के पितृदेव
आपसे ही है इस जगत का जीवन
आपसे ही है इस जगत का सृजन
जब जब इस दुनिया पर संकट आया
आप ने इस सृष्टि की रक्षा का दायित्व निभाया
आप ही हो आदिशक्ति जगत जननी के पति
जिनके नौ रूपों का वर्णन है अदभुत अद्वितीय
आप के है पुत्र कार्तिकेय और गणेश
जिनकी कृपा आप के भक्तो पर है विशेष
अपने पी के विष समुद्र मंथन का
की थी रक्षा इस संपूर्ण सृष्टि का
हे प्रभु आप को है शत शत नमन
शिवरात्रि के इस पावन अवसर पर
हे प्रभु रखना बनाए अपनी कृपा
हम सब भक्त जनों पर सर्वदा ।
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