अध्यात्म की यात्रा


निकले हैं हम आध्यात्म की यात्रा पर आज 
खोजने है अपने आप को हम आज 
कुछ सवालों का जवाब जानने को है मन उत्सुक 
क्या है इस जीवन का है उद्देश्य मन  जानने को इच्छुक 

भागते रहते सपनों की मृगमरीचिका के पीछे हम 
सब कुछ पाने की चाहत में भूल जाते हैं अपने आप को हम 
छूट जाता सब कुछ इस अंतहीन इच्छाओं की अभिलाषा में 
रह जाता है खालीपन मंजिल पर पहुंच कर जीवन में  

चले हैं आज जीवन यात्रा पर खोजने हम अपने आप को 
चले है आज जीवन यात्रा पर खोजने हम अपने आप को 


Comments

AKS said…
Jiwant Parichay

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