देवशिल्पकार
हे विश्वकर्मा हे शिल्पकला के ज्ञाता
कहलाते हो तुम त्रिलोक के निर्माता
तुम ही हो सम्पूर्ण जगत के पहले अभियंता
तुम ही हो अद्भुत संरचनाओं के सृजनकर्ता
हे देवअभियंता हे स्रजनकारी
बनाए रखना इस धारा पर दृष्टि कल्याणकारी
हे पंच मुखधारी हे विश्वकर्मा
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