चलते चल


समय का ये चक्र बस यूंही चलता रहता है
जो हारता वो ही तो इक दिन जीतता है
ना हो तुम  निराश ए मेरे दोस्त
गिर कर उठाने वाला ही इक दिन मंज़िल पर पहुंचता है 

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