यूंही आगे बढ़ते जाना है


तू रुक मत ए दोस्त
तू डर मत ए दोस्त
बस चलते चलते चल 
यूंही आगे बढ़ते चल

ये डगर पथरीली है जरूर 
ये सफर मुश्किल है जरूर
न हार तू हिम्मत पैरों में छालों से
न घबरा इन आने वाले तूफानों से

लोग हंसते है तुझ पर आज
छोड़ गए सब अपने तुझे आज
तू यूंही करता रहा अपने प्रयास 
यूंही दिल में लेकर मंजिल पाने का विश्वास

गिर उठने वाला ही मंजिल को है छूता 
जो न गिरा उसे मंजिल की राहों का क्या पता
बस चलते चलते चल 
यूंही आगे बढ़ते चल




Comments

AKS said…
Very Motivational...

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