परछाई
यही तो इस जीवन का दस्तूर है
जन्म लिया है तो दुनिया से जाना भी जरूर है
माता पिता तो होते है हमारी परछाई
जिनके साथ होने से हमने हर कदम पे जीत पाई
एक दिन छोड़ कर हमको चले जाते है वो दूसरी दुनिया
छोड़ जाते है पीछे वो अपनी अमिट निशानियां
उनके चले जाने का एहसास हमें सदा सताता है
रहना है उनकी यादों के सहारे अब अहसास दिलाता है।
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