साली
सीधी हो या हो नखरेवाली साली तो है मधुशाला की प्याली। उसकी मासूम मुस्कुराहट से दिल बाग बाग हो जाता है, उसकी नशीली आंखों से बिन पिए ही नशा चढ़ जाता है । चाहे हो वो फूल गुलाब का या हो गोभी का, देखते ही उसको हो जाता है मन प्रफुल्लित सा । चाहे हो कितने भी हम परेशान देखते ही दूर हो जाती है सारी थकान बिन साली ये सारी दुनिया खाली खाली सा लगता है, जब भी कोई जीजा कहता है दिल पे गाली सा लगता है ।