भगवान
आज जब पहुंचा घर ऑफिस से
सामना हो गया मेरा वहा भगवान से
हमने पूछ लिया हाथ जोड़कर उनसे
बताओ प्रभु ऐसा चलेगा कब तक
यह वक्त हमारा बदलेगा कब तक
क्या ऐसा ही संघर्ष रहेगा जिदंगी में
क्या रह जायेगे सपने अधूरे ज़िंदगी के
ऐसी कौन सी गलती है प्रभु हमारी
जो अर्जी नहीं पहुंचती आप तक है हमारी
नही कर पाएंगे क्या माता पिता के सपनों को पूरा
क्या रह जायेगा यह जीवन यूंही अधूरा अधूरा
हे प्रभु और कितनी बार लोगे परीक्षा तुम भी
अब तो डगमगाने लगा है विश्वास आप पर भी
इस दुनिया में सच्चाई की कोई जगह नहीं है क्या
क्यों बढ़ता जा रहा है पाप का बोलबाला यहा
प्रभु सुनकर गंभीर भाव से मुस्कुराकर बोले
अरे क्यों घबराता है ए मेरे प्यारे भक्त भोले
सब कुछ ठीक हो जायेगा
तेरा भी एकं दिन वक्त आएगा
सोना भट्ठी में तप कर ही बनता है
यह जीवन यूंही चलता रहता है
बस तू कर्म किए जा फल की अभिलाषा के बिना
सब छोड़ दे मुझ पर अब तू अपना
तू देखना कर हासिल लेगा अपना ये सपना
यह मानव जीवन तो एक पहिया है
जिसको इस जीवन के अग्निपथ पर चलना है
ये जीवन तो है खुशी और गमों का मेला
यहीं पर सबको अपना अपना खेल है खेलना
सबके कर्मो का होता है हिसाब यही पर
कोई नही भाग सकता मेरी लाठी की मार से बचकर
अंत में मंजिल पर वही पहुंचेगा
जो सत्य के राह पर चलता रहेगा ।
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