खूबसूरत ख़्वाब
चलो एक नया जहान बनाए
उम्मीदों के नए सपने सजाए
न हो कोई ऐसा एक भी घर का कोना
जहां बना रखा हो मनहूसियत ने ठिकाना
घर की फिजा में हो खुशियां ही खुशियां
सदा रहे यूंही महकती हमारी ये बगिया
छोड़ के सब कुछ इस मतलबी जहान में
आओ चले दूर इस जहान से उस जहान में
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