मां
मां रख कर नौ माह गर्भ में दिया जन्म हर दर्द सह के नए दुनिया में आगमन में जीवन पथ के कठिन सफर में जीवनदयानी जननी आप ही हो हे मां प्रथम गुरु हमारी आप ही हो पकड़ के उंगली चलना सिखाया आपने पकड़ उंगली लिखना सिखाया आपने हमारे खुशियों और सपनों को पूरा करने में भूल गई मां अपने सब सपनों और खुशियों को आंचल आप का होता है दुनिया में सबसे सुरक्षित जिसकी छाव में हम हो जाते है आकर सब परेशानियों से निश्चिंत रहती हो हमेशा मुस्कराती अपने दुखों को छिपाकर इच्छाओं को हमेशा सवारती कितने ही कष्टों को उठाकर हे मां आप का यह निस्वार्थ प्रेम इस दुनिया में है सबसे अनमोल चुका नही सकते कभी जीवन में हम सब कुछ देकर भी हम उसका मोल। वो इस दुनिया में बहुत खुशनसीब है जिनको मां का साया हमेशा नसीब है हे जननी आप धन्य हो। हे मां आपको सत सत नमन है।