फासले

वक्त का अब तो आसरा है हमे 
कोशिश तो बहुत की हमने मगर  
मंजिल के करीब जाके भी हम
न जाने क्यों अब भी बहुत दूर है हम ।

Comments

AKS said…
Sab Wakt Wakt ki baaten hai.

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