असफल प्रयास


हमने की थी तुमको भूलने की हर कोशिश
रहे नाकाम हम अपने हर इक कोशिश में
हमने मिटा दिया घर के हर कोने से तुम्हारी यादों को
हमने जला दिया उन खतों और निशानियों को
हमने कोशिश की तुम्हारी हर इक याद मिटाने की
तुम्हारे साथ गुजारे हुवे उन खूबसूरत लम्हों को भुलाने की
मगर जब भी हवाओं की सरसराहट होती है
न जाने क्यों तुम्हारे चलने की आहट सी महसूस होती है
न जाने क्यों रात में घर के बगीचे के  फूलो की भीनी महक
न जाने क्यों भोर में चहचाहती चिड़ियों की चहक
न जाने क्यों तुम्हारे होने का एहसास दिलाता है
न जाने क्यों ये कमबख्त दिल तुमको भूल न पाता है
न जाने क्यों ये दिल बार बार कहता है
तुम यही हो तुम यही हो तुम यही हो ...

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