राम कथा (प्रथम खण्ड )
जब जब बढ़ा पृथ्वी पर पापियों का अत्याचार
तब तब प्रभु ने लिया इस धरती पर अवतार
वो त्रेतायुग का काल चल रहा था
पृथ्वी पर राछसो का अत्याचार बढ़ रहा था
देवताओ और ऋषि मुनियो ने
जब किया प्रार्थना प्रभु विष्णु से
तब लोगों के दुखों को हरने को
प्रभु ने लिया अवतार दुष्टों का नाश करने को
अयोध्या में राजा दशरथ के घर
हुआ जन्म प्रभु श्री राम का
चैत्र मास के शुक्लपक्ष की
नवमी तिथी का पावन दिवस था
माता थी कौशल्या और सुमित्रा,केकयी
भ्राता थे भरत ,लक्ष्मण और शत्रुघ्न
था किया पालन आजीवन आदर्शो का
कहलाए विश्व में मर्यादा पुरूषोत्तम
गुरु वशिष्ठ ने दिया चारो भ्राता को शिक्षा
अदभुत थी उनकी गुरुजनों और माता पिता के प्रति निष्ठा
ले गए अपने संग गुरु विश्वामित्र वन में
श्री राम और लक्ष्मण को राक्षसों से वन मुक्त करने को
किया संहार अनेक राक्षसों, सुबाहु और तड़का का जब
देखकर उनकी वीरता रह गए चकित मुनिजन तब
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