नया साल

यह साल भी कुछ दिनों में गुजर जायेगा
क्या खोया क्या पाया बस याद रह जायेगा
भागते रहे हम सपनो के पीछे पूरे साल
नही आया कुछ खास हाथ रह गया ये मलाल
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादों के
अहसास का रहा ये साल
कुछ पाने कुछ खोने के 
अहसास का रहा यह साल
फिर आने वाले साल के लिए 
नए नए सपने बुने जायेगे 
फिर नए उमंगों के साथ लक्ष्य को 
हम हासिल करने जायेंगे 
ये सिलसिला यूंही चलता रहेगा
ये जिंदगी यूंही चलती रहेगी
बस सपने और लक्ष्य बदलते रहेंगे
बस सपने और लक्ष्य बदलते रहेंगे ।


Comments

P k Tiwari said…
Very impressive sir
AKS said…
Very true.....
Unknown said…
Excellent Sir.... Pares Kumar

Popular posts from this blog

मातृ दिवस

यूंही आगे बढ़ते जाना है

पिताजी