अहसास

              
तुम्हारा याद आना खास है 
तुम्हे भूल न पाना खास है
वो ठंडी हवाओं का झोंका
वो रेगिस्तान में पानी का धोखा 
वो चांदनी रातों में फूलों से भीनी  खुशबू का आना
वो पूर्णिमा की रात में चांद को एकटक निहारना
वो बगीचे में फूलों का खिलना
वो आम के पेड़ के पत्तों का हिलना
वो सूखे पत्तो की सरसराहट 
वो कांपते होठों की थरथराहट
वो भींगे केशू से टपकती पानी बूंदे
वो सर्दी में पत्तों पे चमकती ओस की बूंदे 
वो तुम्हारे हाथों की चूड़ियों की खंखनाहट
वो सन्नाटे में गूंजती पायल की छनछनाहट 
वो समुद्र की लहरों का उठना
वो पहाड़ों से झरनों का गिरना
तुम्हारे होने का अहसास दिलाता है
न जाने क्यों हमेशा याद  दिलाता है ।


Comments

AKS said…
Ek Madhur Ehsas.

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