पुरानी यादें


तुम्हे देखकर क्यों लगता है ऐसे
के हम मिले थे पहले कही तो
न जाने क्यों एक धुधली सी याद 
जो दिल को कुरेद रही है अनजाने में
हुआ था जब पहली बार तुमसे सामना 
दिल ने कहा था तुम तो हो कोई अपना
न जाने यह कैसा अजीब सा एहसास है 
न जाने क्यों मिलने की तुमसे आस है
सारा दिन तुमको ही क्यों सोचता हू मै
अक्सर तुमसे मिलने के मौके खोजता हूं  मैं
हम कभी फिर दोबारा मिल पाएंगे क्या
क्भी उन अधूरे सवालों का जबाब मिल जायेगा क्या ।








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