डोर

रिश्तों की डोर बड़ी नाजुक है मेरे दोस्त 
बड़े जतन से संभालना पड़ता है इनको 
एक बार टूट जाने पर जुड नही पाती है ये
अगर जुड़ भी गई तो पहले वाली बात नहीं रहती है इनमे 

Comments

Unknown said…
Correct Sir 🙏🙏

Popular posts from this blog

मातृ दिवस

उड़ान

पिताजी