उम्र की बंदिशे
हमारे मोहल्ले में रहते थे अंकल हमारे
उमर थी पैसठ की मगर दिल था पच्चीस का उनका
उमंगे जवान थी और मन की तरंगे हिलोरे मार रही थी
रोज खड़े होकर घर की बालकनी मे निहारा करते थे
आने जाने वालों खूबसूरत चेहरों को
कहा करते थे कि पुरुष की उम्र तो होती है हीरे के समान
बढ़ती जाती है चमक इसकी समय बीतने के साथ
दिल चाहता था बहुत कुछ करने को मगर उम्र का तकाजा था
एक बार कर रहे थे बस में सफर खड़े होकर
बहुत आनंद आ रहा था उनको इस सफर पर
थी बहुत भीड़ उस दिन बस में
तभी बस ड्राइवर ने ब्रेक मारा
अंकल ने था अपना बैलेंस बिगड़ा
और जा टकराए आगे खड़ी महिला से
महिला ने गुस्से से देखा और बोली
अंकल भीड़ का एडवांटेज ले रहे हो
जानबूझ कर मुझे धक्का दे रहे हो
अपनी उम्र को तो देखो
घर में नहीं है क्या मां बहन तुम्हारी
अंकल की हो गई सिटीपिट्टी गुम
बड़ी मासूमियत से बोले वो तो है सब
लेकिन बच्चो की मां नही रही है इस दुनिया में अब
उसकी तलाश में भटक रहा हू
यह सुनकर महिला ने आंखे तरेरी
अंकल ने घबराकर अपनी नजरे फेरी
फोन में था शौक चलसित्र देखने का
एक बार हो गए चलचित्र देखने में इतने मग्न
न रहा ध्यान कि माता जी कब से है आकर पीछे खड़ी
और उन्होंने अपने हाथों में ले रखी है अपनी छड़ी
माता जी ने छड़ी से अंकल को मारा
अंकल का हो गया ध्यान भंग सारा
मां गुस्से से बोली आती नही शर्म है तुमको
इस उम्र में ये सब देखना क्या पसंद है तुमको
अब तुम्हारा समय है भगवान के भजन कीर्तन का
यह सुनकर अंकल के हाथो से छूट गया फोन उनका
अपने आंखो को झुकाकर धीरे से बोले
मैं भी बस सर्च कर रहा था भगवान का भजन
लेकिन न जाने कैसे हो गया मोबाइल मे नया साइट ओपन
अंकल को था मॉर्निंग वॉक का शौक
रोज जाते थे वॉक पे महिला कॉलेज के सामने वाले पार्क में
एक दिन जब गुजर रहे थे कालेज के सामने से
पुलिस ने पकड़ लिया उनको
पुलिस बोली लड़कियों को छेड़ते हो
शर्म नही आती अपनी उम्र को तो देखा करो
बहुत दिनों से थी तलाश हमको तुम्हारी
चलो हवालात में करेंगे खूब तुम्हारी खातिरदारी
अंकल हो गए डर के मारे पसीने पसीने
बोले साहब मैं तो वॉक के लिए यहां से गुजर रहा था
इंस्पेक्टर ने कांस्टेबल से बोला फोटो तो निकालो
कर लो पहचान इस बूढ़े आशिक की
फिर ले चलो थाने वहा करते ठीक से पूजा इसकी
यह सुनकर अंकल की हो गई पैंट ढ़ीली
कांस्टेबल ने जेब से फोटो निकाला
और अंकल को ऊपर से नीचे घूरते हुए बोला
नही साहब यह तो कोई और है
हा शक्ल है थोड़ी सी मिलती है इसकी जरूर
यह सुनकर अंकल के जान में आई जान
मन ही मन सोचा अब यहा से भागने में है भलाई
किसी तरह अंकल के वहा से भागकर पहुंचे घर
पकड़े अपने दोनो कान और बोले
Comments
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले