गणेश चतुर्थी

हे विघ्नहर्ता, हे एकदंत
शिव गौरी के दुलारे आप है दयावंत 
हे सिद्धिविनायक ,हे गणाध्यक्ष
है सभी देवताओं में आप सर्वश्रेष्ठ
हे भालचंद्र ,हे गजानन
आप को है मेरा सादर नमन
हे सुमुख, हे गजकर्णक
होती है पूजा आपकी सर्वप्रथम 
चाहे हो विद्यारम्भ या हो विवाह के पूजन के प्रथम
आप ही है सब देवताओं में प्रथम
हे कपिल ,हे धूम्रकेतु
आप को प्रिय है मोदक और लड्डू
हे विकट, हे लंबोदर
आप लेते है भक्तो के कष्टों को हर
हे विघ्न-नाश , हे प्रभु
जिसने किया यह व्रत गणेश चतुर्थी का 
भर देते  है प्रभु  सुख और समृद्धि से जीवन उसका।

  

Comments

Unknown said…
Jai shree ganeshay namah
Prasenjit Ghosh said…
Every story you write is just a unique experience.
Anonymous said…
Very nice
Anonymous said…
Very nice
Unknown said…
Jai Ganapati
Jai Ganraju
🙏🙏🙏🙏🙏
Unknown said…
Jay Ganapati 🙏🙏
Subhojit kundu said…
Jay Ganapati

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