अधूरे ख्वाब
तुम्हे कभी तो हमारी याद आती होगी
कभी तो हमारी कमी सताती होगी
वो लम्हे जो हमने साथ मिलके थे गुजारे
वो सपने जो हमने साथ मिलके थे संवारे
बन न सका वो हमारे सपनो का महल तो क्या
बन न सका हमारा अफसाना हकीकत तो क्या
जरूरी नहीं हर ख्वाब मुकम्मल हो
जरुरी नही हर साथ मुकाम्मल हो
मिलना और बिछड़ना तो तकदीर की बात है
खोना और पाना तो मुकद्दर की बात है
अधूरी कहानियो की अपनी कहानी होती है
अनकही अफसानों की अपनी रवानी होती है
कुछ अफसाने मुमकिन नहीं हो पाते है जिंदगी में
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Khawaise mukkammal ho, yahi dua hai.